NEP 2020 के तहत Gujarat के primary schools में हर Saturday होगा Happy Saturday और Bagless Day, बच्चों के overall development पर फोकस।
Gujarat के स्कूलों में शुरू हुआ Happy Saturday और Bagless Day: बच्चों के विकास की नई पहल
गुजरात के प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को खेल के साथ-साथ शिक्षा मिले और उनका सर्वांगीण विकास हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग की ओर से एक नई पहल शुरू की गई है। राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में शनिवार को बैगलेस डे के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है, यानी विद्यार्थियों को शनिवार को स्कूल में नोटबुक न लाने और मनोरंजक शैक्षणिक गतिविधियां करने का निर्देश दिया गया है। यह निर्देश 5 जुलाई 2025 से लागू किया जाएगा। कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को विभाग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार गतिविधियां करनी होंगी। इस परिपत्र के तत्काल कार्यान्वयन के लिए सभी जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश भेजे गए हैं।
प्रत्येक शनिवार को स्कूलों में रचनात्मक गतिविधियां आयोजित करना
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन लाने के उद्देश्य से इसे शुरू किया गया है। जिसके अनुसार, इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान प्रदान करने के बजाय बच्चों का सर्वांगीण विकास करना है। इस संदर्भ में आनंददायक शनिवार और नोटबुक रहित 10 दिन महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं। जिसमें बच्चों को अत्यधिक शिक्षण प्रक्रिया से मुक्त करके रचनात्मक और शारीरिक गतिविधियां सिखाने का अवसर दिया जाता है। इस दिन बच्चे बिना किसी बोझ के आनंद और खुशी के साथ सीख सकेंगे।
हैप्पी सैटरडे के तहत गतिविधियाँ
- शनिवार की शुरुआत ग्रुप ड्रिल से की जा सकती है। जिसमें शारीरिक व्यायाम और पीटी और मूवमेंट शामिल हैं, जो बच्चों में शारीरिक, जीवन शक्ति, सहयोग और टीम भावना का विकास करते हैं।
- बच्चों को योग ध्यान और प्राणायाम सिखाया जाएगा। बच्चों में एकाग्रता बढ़ती है। NEP 2020 में बच्चों के सर्वांगीण विकास पर जोर दिया गया है। योग और प्राणायाम के जरिए छात्रों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का विकास बढ़ता है।
- बाल सभा के तहत विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन करना होगा। जिसमें बच्चों को लोकगीत, लोकनृत्य, नाटक, वेशभूषा और कहानी सुनाने जैसी गतिविधियों में शामिल करना होगा। इस बाल सभा में, इसका आयोजन इस तरह से किया जाना चाहिए कि छात्र खुद नहीं बल्कि रचनात्मक कलाकृतियाँ प्रस्तुत करें।
- मजेदार शनिवार को शैक्षणिक खेल जैसी गतिविधियाँ खेली जानी चाहिए। गणित, विज्ञान और भाषा से संबंधित शैक्षणिक खेल खेले जा सकते हैं। इन खेलों के माध्यम से बच्चे खेल-खेल में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
- बच्चों को समूहों में या व्यक्तिगत रूप से छोटे-छोटे प्रोजेक्ट पर काम करवाया जाना चाहिए। इसके लिए विज्ञान और पर्यावरण जैसे विषयों पर सरल प्रयोग, कला आधारित प्रोजेक्ट शामिल किए जाने चाहिए। ताकि बच्चों की समस्या समाधान की क्षमता विकसित हो।
- बच्चों की कल्पना शक्ति और सृजनात्मक शक्ति को विकसित करने के लिए अलग-अलग विषयों पर चित्रांकन कराया जा सकता है। ऐसा माहौल बनाएं, जहां बच्चे अपनी कल्पना के अनुसार स्वतंत्र रूप से चित्र बना सकें।
- बच्चों को गीत गाने, वाद्ययंत्र बजाने, संगीत सुनने के लिए प्रोत्साहित करें। संगीत के कार्यक्रम आयोजित करें। संगीत बच्चों के मन को शांति और आनंद देता है।
- NEP 2020 में स्थानीय ज्ञान और सामुदायिक जुड़ाव पर जोर दिया गया है। इसके लिए छात्र गांव के ऐतिहासिक स्थलों, मंदिरों, झीलों, डाकघरों, बैंकों, छोटे उद्योगों का भ्रमण कर सकते हैं। ताकि छात्रों में व्यावहारिक ज्ञान विकसित हो।
हैप्पी सैटरडे और बेगलेस डे की भूमिका
आज के आधुनिक युग में मोबाइल का इस्तेमाल बच्चों के लिए बहुत हानिकारक है। मोबाइल का अत्यधिक इस्तेमाल अभिभावकों के लिए चिंता का विषय है। मोबाइल के अत्यधिक इस्तेमाल से बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हैप्पी सैटरडे और बेगलेस डे के दस दिन बच्चों को मोबाइल से दूर रखने में बहुत मददगार हो सकते हैं। बच्चे जब मनोरंजक गतिविधियों में व्यस्त रहते हैं, तो उन्हें मोबाइल का उपयोग करने का मन नहीं करता। वे शारीरिक गतिविधियों और समूह गतिविधियों को एक साथ रखते हैं।
GCERT द्वारा मार्गदर्शन
GCERT द्वारा 10 बेगलेस डेज पर की जाने वाली गतिविधियों के लिए एक मॉड्यूल तैयार किया जाएगा। जल्द ही विभाग प्रति विद्यालय एक शिक्षक को प्रशिक्षित करने की योजना भी बनाएगा। इस संबंध में जुलाई से 8 शनिवार सत्रों के लिए हैप्पी सैटरडे और बेगलेस डे जैसी गतिविधियां संचालित की जाएंगी।
इस प्रकार, बिना किसी अन्य कार्यालय कार्य के 10 दिन के आनंदमय शनिवार बच्चों को मोबाइल की लत से मुक्त करते हैं और उन्हें वास्तविक दुनिया में जीने, सीखने और विकसित होने का अवसर प्रदान करते हैं।
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