अब सिर्फ 1 साल में करे B.Ed. NCTE ने 2026 से नया कोर्स लागू करने की घोषणा की। कौन कर सकता है एडमिशन और क्या होगा लाभ।
New B.ED .course admission: भारत में कितने ही युवा शिक्षक बनने का सपना देखते हैं। लेकिन उनके लिए B.Ed यानी बैचलर ऑफ एजुकेशन कोर्स करना अनिवार्य है। जिससे कई युवाओं का समय और खर्च दोनों ही खर्च होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए NCTE यानी नेशनल काउंसलिंग टीचर एजुकेशन इस कोर्स में बड़ा बदलाव करने जा रही है। अब तक बैचलर ऑफ एजुकेशन कोर्स दो साल का था, नई शिक्षा नीति के अनुसार यह एक साल का कोर्स साल 2026/27 से लागू किया जाएगा, जिसके लिए NCTE की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
कौन कर सकता है यह एक साल का B.ed कोर्स?
NCTE की शुरुआत में 4 साल का इंटीग्रेटेड ग्रेजुएट पूरा करने वाले छात्र एक साल का B.Ed कोर्स कर सकते हैं। यानी जिन्होंने B.A_B.ED या B.sc-b.ed जैसा कोर्स पूरा किया हो। दूसरे छात्र जिन्होंने तीन साल की डिग्री और फिर दो साल की मास्टर डिग्री पूरी की हो, वे यह कोर्स कर सकते हैं। यानी किसी भी विषय में मास्टर डिग्री हासिल करने वाले छात्र इस कोर्स को कर सकते हैं। सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए कोर्स में प्रवेश पाने के लिए कम से कम 50% अंक और आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए कम से कम 45% अंक आवश्यक हैं। यह कोर्स भारत के शिक्षा क्षेत्र में गतिशील प्रगति की ओर एक कदम है। अगर आप भी शिक्षक बनना चाहते हैं और योग्य हैं, तो आपको तुरंत प्रवेश ले लेना चाहिए। खास बात यह है कि इसमें कोई आयु सीमा तय नहीं की गई है।
B.ed कोर्स की समय सीमा क्यों बदली गई?
NCTE ने 2014 में बी.एड कोर्स की समय सीमा बढ़ा दी थी। पहले बी.एड कोर्स पूरा करने की समय सीमा 1 साल थी। लेकिन इसमें संशोधन करके इस समय सीमा को बढ़ा दिया गया। सरकार द्वारा किए गए सुधारों से अपेक्षित परिणाम नहीं मिले। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और छात्रों को आधुनिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए इसे दो साल की अवधि के लिए किया गया था। लेकिन चूंकि यह कोर्स लंबा है, इसलिए परिणाम बेहतर नहीं हुए। जो नया एक वर्षीय कोर्स शुरू किया गया है, उसे इस तरह से तैयार किया गया है कि अधिक आधुनिक तकनीकी शिक्षा प्रदान की जा सके। इस कोर्स में छात्रों को सिर्फ क्लासरूम में ही सीमित ज्ञान नहीं मिलता बल्कि बाहरी दुनिया की आधुनिक और व्यावहारिक शिक्षा भी मिलती है। इस एक साल के कोर्स को पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा कर चुके लोगों की पढ़ाई को ध्यान में रखकर बनाया गया है। और देखिए, जो लोग जल्दी से प्रोफेशनल कोर्स करके नौकरी पाना चाहते हैं उनके लिए यह कोर्स वरदान साबित हो सकता है। इसमें समय सीमा कम होने से छात्रों का समय भी बचेगा और वे जल्द से जल्द नौकरी के लिए आवेदन कर सकेंगे।
ITEP एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम की घोषणा
बीए बीएड और बीएससी बीएड के पिछले चार वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रमों को पूरी तरह से बंद करके उनकी जगह ITEP का एक नया पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है जिसमें चार वर्षीय एकीकृत शिक्षा शिक्षक कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कोर्स में छात्र अपनी ग्रेजुएशन के साथ-साथ B.ed कोर्स भी पूरा कर सकेंगे यानी छात्रों को अलग से डिग्री करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सबसे खास बात यह है कि छात्रों के लिए स्कूलों में इंटर्नशिप अनिवार्य कर दी गई है जिसमें उन्हें कम से कम 16 हफ्ते की इंटर्नशिप पूरी करनी होगी। इस कोर्स से ग्रेजुएशन और बीएड दोनों की पढ़ाई एक साथ पूरी करने का मौका मिलता है।
क्या 2 साल का बीएड कोर्स बंद हो जाएगा?
दो साल के बीएड कोर्स को बंद करने के बारे में हाल ही में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। यानी दो साल का बीएड कोर्स जारी रहेगा, लेकिन अगर भविष्य में ITEP जैसे कोर्स लागू होते हैं, तो दो साल का बीएड कोर्स धीरे-धीरे बंद हो जाएगा। ITEP को 2030 तक अनिवार्य करने की योजना है। लेकिन यह फंड तब तक जारी रहेगा, जब तक यह लागू नहीं हो जाता।
एक साल का बीएड कोर्स कम समय में शिक्षक बनने का मौका ही नहीं है, बल्कि एक ऐसा विजन है, जो भारत के विकास में एक गतिशील बदलाव देखता है। अगर आप भी शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं और सही दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो यह कोर्स आपके भविष्य को उज्ज्वल बना सकता है।
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