CBSE ने 10वीं बोर्ड एग्जाम में बड़ा बदलाव किया है। From 2026, students can appear twice a year to improve results. जानिए नई गाइडलाइंस और नियम।
CBSE 10th Board Exam Update: 2026 से साल में दो बार मौका
केंद्रीय शिक्षा बोर्ड ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर बड़ा बदलाव किया है। बोर्ड ने बड़ी घोषणा की है। अब से 10वीं के छात्र साल में दो बार परीक्षा दे सकेंगे। हालांकि, पहली परीक्षा देना हर छात्र के लिए अनिवार्य होगा और दूसरी परीक्षा छात्रों के लिए वैकल्पिक होगी। यह संशोधन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किया गया है। छात्र चाहें तो दूसरी परीक्षा में बैठ सकेंगे। यह नियम साल 2026 से लागू होगा। सीबीएसई द्वारा लागू किया गया यह नियम छात्रों के लिए काफी अहम साबित होने वाला है।
CBSE द्वारा घोषित इस बदलाव के तहत साल 2026 से अब से 10वीं के छात्र शैक्षणिक क्षेत्र में साल में दो बार 10वीं की परीक्षा दे सकेंगे। छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम करने और परीक्षा प्रणाली में लचीलापन लाने के उद्देश्य से यह बदलाव किया गया है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि इस बदले हुए नियम से छात्र बिना इंतजार किए अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकेंगे।
कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित
नई योजना के तहत छात्रों को फरवरी महीने में होने वाली पहली परीक्षा में शामिल होना होगा। जो छात्र पहले चरण की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे, वे दूसरे चरण की परीक्षा में भी शामिल नहीं हो पाएंगे। यानी सभी छात्रों को दूसरी परीक्षा का वैकल्पिक लाभ पाने के लिए पहली परीक्षा में शामिल होना होगा। अब अगर कोई छात्र पहली परीक्षा में शामिल हो चुका है और अपना रिजल्ट सुधारना चाहता है, तो वह विकल्प के तौर पर दूसरी परीक्षा में शामिल हो सकता है। वहीं, अगर छात्र दूसरी परीक्षा में शामिल नहीं होता है, तो पहले चरण की परीक्षा का रिजल्ट ही अंतिम माना जाएगा। सीबीएसई द्वारा तय किए गए इस नियम के आधार पर सरकार का उद्देश्य छात्रों पर परीक्षा के मानसिक दबाव को कम करना है।
छात्रों के रिजल्ट में बदलाव
इस बदलाव से छात्र गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों यानी इन तीनों विषयों में अपने अंकों में सुधार कर सकेंगे। पहले चरण की परीक्षा फरवरी माह में होगी तथा अप्रैल में आयोजित परीक्षा का परिणाम तथा मई में आयोजित परीक्षा का परिणाम जून माह में घोषित किया जाएगा। हालांकि बोर्ड ने घोषणा की है कि छात्रों का मूल्यांकन वर्ष में एक बार ही किया जाएगा। जिन छात्रों को तीन विषयों में कम अंक मिले हैं या जो अपने परिणाम में सुधार करना चाहते हैं, वे मई में योजना परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
प्रस्ताव को मंजूरी
सरकार ने फरवरी माह में वर्ष में दो बार परीक्षा लेने की नीति बनाई थी। इस मामले को लेकर अभिभावक और छात्र काफी समय से चिंतित थे, लेकिन सरकार ने बोर्ड के माध्यम से इस नियम की स्पष्ट घोषणा कर अभिभावकों और छात्रों की चिंता दूर कर दी है। सभी राज्य धारकों के सुझावों को स्वीकार करने के बाद यह नियम लागू किया गया है। औपचारिक मंजूरी मिलने के बाद अब यह नियम 2026 से लागू होगा।
कौन नहीं दे पाएगा परीक्षा?
वैकल्पिक परीक्षा देने के लिए छात्र को पहले चरण की परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य है। यदि विद्यार्थी ने प्रथम चरण में तीन या उससे अधिक विषयों की परीक्षा नहीं दी है, तो भी ऐसे विद्यार्थी वैकल्पिक परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। ऐसे विद्यार्थियों को "अपेक्षित संशोधन" श्रेणी में रखा जाएगा।ऐसे विद्यार्थी दूसरे वर्ष यानी नए वर्ष में फरवरी में ही परीक्षा दे सकेंगे।
अधिक नियम व शर्तें पाठ्यक्रम
प्रथम परीक्षा में बैठना और एलओसी अनिवार्य होगा। द्वितीय परीक्षा में बैठने के लिए विषय नहीं बदला जा सकेगा। द्वितीय परीक्षा में बैठने के लिए अलग से एलओसी भरना होगा। द्वितीय परीक्षा में एलओसी में नया नाम नहीं जोड़ा जा सकेगा।
दोनों परीक्षाएं वार्षिक पाठ्यक्रम को ध्यान में रखकर आयोजित की जाएंगी। परीक्षा का पैटर्न भी एक जैसा होगा। परीक्षा केंद्र भी एक जैसे होंगे।
एक व्यक्ति कितने विषयों की परीक्षा दे सकता है?
बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और भाषा जैसी सेवाओं के साथ-साथ इन 3 विषयों में अपना प्रदर्शन बेहतर करने के लिए प्रथम चरण में उत्तीर्ण विद्यार्थी द्वितीय चरण की परीक्षा दे सकेंगे। इस विषय में विद्यार्थी अपने परिणाम में अपेक्षित सुधार कर सकेंगे। खेल विषयों में शामिल विद्यार्थियों को दूसरी परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी, जिनकी परीक्षा किसी खेल आयोजन से संबंधित होगी।
परिणाम घोषित करने की विधि
पहले चरण की परीक्षा के परिणाम अप्रैल माह में घोषित किए जाएंगे तथा दूसरे चरण यानी मई माह में आयोजित परीक्षा के परिणाम जून माह में घोषित किए जाएंगे। पहली परीक्षा के परिणाम DIGILOCKER में देखे जा सकते हैं। विद्यार्थी इसका उपयोग कक्षा 11 में प्रवेश पाने के लिए कर सकते हैं। दूसरी परीक्षा के परिणाम आने के बाद ही विद्यार्थियों को भौतिक प्रमाण पत्र या सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
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