Gujarat State Education Department has implemented a new rule: जिसमें अब LC और स्कूल रजिस्टर में छात्रों के नाम के बाद सरनेम लिखा जाएगा। अपार आईडी, आधार कार्ड और लिविंग सर्टिफिकेट के बीच दस्तावेजों की एकरूपता बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
Gujarat Education Department on Student LC Update:
गुजरात राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में नया शैक्षणिक वर्ष 2025/26 शुरू हो गया है। राज्य के प्राथमिक माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई शुरू हो गई है। स्कूलों में अभी भी प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में वर्ष 2025/26 में छात्रों के दस्तावेजी साक्ष्य यानी LC को लेकर गुजरात सरकार की ओर से एक अहम फैसला लिया गया है। LC दस्तावेज को और अधिक पारदर्शी और पारदर्शी बनाने और शिक्षा व्यवस्था को सुचारू बनाने का काम किया जा रहा है। राज्य के सभी प्राथमिक विद्यालयों, माध्यमिक विद्यालयों और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में सरकार की ओर से एक आधिकारिक परिपत्र जारी किया गया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि एलसी में छात्रों का उपनाम नाम के बाद लिखा जाना चाहिए, न कि नाम से पहले। यानी स्कूल रजिस्टर में भी उन छात्रों के नाम के बाद उपनाम लिखने का सुझाव दिया गया है जो छात्र के नाम से पहले उपनाम का उल्लेख नहीं करते हैं। एलसी को अक्सर छात्रों के उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति, भर्ती या अन्य दस्तावेजी सबूत के रूप में वैध नहीं माना जाता था। इससे पहले, कई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट में केवल नाम का उल्लेख किया जाता था। इन सभी समस्याओं को हल करने के लिए सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है।
नए नियमों के अनुसार क्या बदलाव किए गए हैं?
गुजरात के समग्र शिक्षा अभियान एस.एस.ए. के निदेशक जे. रंजीत कुमार ने गुजरात के स्कूल कमिश्नर को इस संबंध में एक परिपत्र जारी कर बताया है कि गुजरात राज्य माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक अधिनियम, 1972 के तहत बच्चे के स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र का प्रारूप तय किया गया है। इस प्रारूप में बच्चे के नाम से पहले बच्चे का उपनाम, फिर बच्चे का नाम और अंत में बच्चे के पिता का नाम दर्ज किया जाता है। लेकिन अब से इस पद्धति में बदलाव किया गया है। जिसके अनुसार राज्य के सभी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में जब कोई विद्यार्थी एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में प्रवेश लेता है तो उसके जाने पर उस विद्यालय से लीविंग प्रमाण पत्र दिया जाता है। प्रमाण पत्र में विद्यार्थी का नाम, पिता का नाम, उपनाम, माता का नाम, जन्मतिथि जैसी महत्वपूर्ण बातें दर्ज की जाती हैं। फिलहाल अपर आईडी का काम चल रहा है और इसके साथ ही विद्यार्थियों के आधार कार्ड की मैपिंग की प्रक्रिया चल रही है।
क्यों लागू होगा यह नियम?
गुजरात राज्य शिक्षा विभाग के अनुसार, पूरे राज्य में छात्रों की पहचान की एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए यह नियम तत्काल आधार पर लागू किया गया है, ताकि छात्रों के दस्तावेजी साक्ष्य या पहचान को लेकर कोई विवाद न हो। अक्सर, देश-विदेश में पढ़ाई के लिए भी दस्तावेजी साक्ष्य की एकरूपता की कमी के कारण छात्रों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
स्कूलों के लिए अधिसूचना
हर स्कूल को एलसी मामले में अपनी पुरानी पद्धति बदलनी होगी। इन मामलों को ध्यान में रखते हुए, सत्र 2025/26 से, यदि किसी छात्र को स्कूल छोड़ते समय लीविंग प्रमाण पत्र दिया जाता है या स्कूल में प्रवेश लेने वाले नए छात्रों के नाम सामान्य रजिस्टर में दर्ज किए जाते हैं, तो बच्चे का पूरा नाम लिखा जाना चाहिए और अंत में उपनाम लिखा जाना चाहिए ताकि आधार कार्ड, अपार आईडी और एलसी जैसे सभी दस्तावेजों की एकरूपता बनी रहे।
इस नियम के कारण, छात्रों का एलसी किसी भी अन्य आधिकारिक दस्तावेज की तरह उपयोगी होगा। छात्रों के ये दस्तावेजी साक्ष्य अधिक मान्य होंगे। गुजरात शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए इस निर्णय से न केवल वर्तमान शिक्षा प्रणाली मजबूत होगी, बल्कि भविष्य के लिए छात्रों के दस्तावेज भी पारदर्शी बनेंगे। साथ ही, लिविंग सर्टिफिकेट और स्कूल के सामान्य रजिस्टर में छात्रों के नाम के बाद उपनाम लिखने की प्रक्रिया भी छात्रों के भविष्य के करियर के लिए मददगार साबित होगी।
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